नमस्कार दोस्तों हिंदी चर्चा में आपका स्वागत है, आज की स्वास्थ्य चर्चा में हम आपको बताएँगे की कैसे आप भी घरेलु उपायों से कर सकते पैर में छाले या कील होने पर करें यह घरेलू इलाज से ।
चेहरे और शरीर के बाकी अंगों की तरह पैरों की देखभाल करना भी बहुत ज़रूरी है लेकिन बहुत सारे लोग इनकी साफ़ – सफ़ाई मे लापरवाही बरत देते है नतीजा पैरों की स्किन सख़्त व खुरदरी या एडियां फटने जैसी परेशानी होनी शुरू हो जाती है । कई बार पुरों के नीचे मोटी सफ़ेद गोल आकार की मृत त्वचा का सख़्त – सा गुच्छा बन जाता है जिसे फूट कॉर्न कहते है । मृत त्वचा का यह मोटा गुच्छा चलते – फिरते समय काफ़ी दर्द करता है ।
पैर में छाले या कील होने के कारण
टाइट जूते पहनने , ऊंची एड़ी के सैंडल पहनने , लगातार खड़े रहना , मोजो के बिना जूते पहनने या बिना चप्पल के नंगे पांव घूमना इसकी मुख्य वजह हैं । कई बार हम पैरों के नीचे की सख़्त त्वचा को साफ़ नहीँ करते । यह डैडस्किन भी फूट कॉर्न का रूप ले सकतीं है ।
पैर में छाले या कील से छुटकारा पाने के कुछ घरेलू तरीक़े
पैर में छाले या कील (Foot corn) की समस्या बढ़ जाए तो यह काफ़ी दर्द देता है । कुछ लोग इससे छुटकारा पाने के लिए सर्जरी का सहारा लेते है । लेकिन आप घरेलू उपचार के द्वारा भी इससे छुटकारा पा सकते है । हालाँकि ये घरेलू उपचार एकदम से अपना असर नहीं दिखाते लेकिन लगातार इन घरेलू तरीकों को अपना कर आप राहत पा सकते है ।
पैर में छाले या कील में मुलेठी
एक चम्मच मुलट्ठी में ज़रूरत अनुसार सरसों का तेल मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें । इस पेस्ट को सोने से पहले प्रभावित त्वचा पर लगा ले , फिर पट्टी बांधकर रात भर के लिए छोड़ दें । सुबह पट्टी को हटाकर गुनगुने पानी से धो लें । यह उपचार तब तक करें जब तक त्वचा नर्म न हो जाए ।
पैर में छाले या कील में लहसुन
लहसुन की 1 – 2 कली का पेस्ट बनाकर फूट कॉर्न पर लगाएं और इसे बैंडेंज से कवर करें । यह तब तक अपनाएं जब तक कॉर्न खत्म न हो जाए ।
पैर में छाले या कील में हल्दी
हल्दी में नैचुरल एंटीसैप्टिक के गुण शामिल होते है । इससे घाव जल्दी भर जाते है । हल्दी में शहद मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार करे और सूख जाने तक कॉर्न पर लगाएं । दिन में दो बार इसे दोहराएं ।
पैर में छाले या कील में नींबू
नींबू कुदरती एंटीऑक्सडैंट से भरपूर होता है । एक चम्मच नींबू के रस में 2 लौंग भिगोकर 15 मिनट के लिए रख दे । अब इस रस को फूट कॉर्न तर लगाकर मालिश करें । जब यह सूख जाए तो दोबारा फिर यह रस लगाएं । दिन में 4 – 5 बार इसका रस लगाएं ।
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