हिंदी चर्चा में आज हम आपको बताएँगे की कैसे आप भी पैसों का ढेर लगा सकते है, ये तो सच है कि आपको अपना पैसा प्यारा है तो घर के दरवाजे पर ध्यान देना जरूरी है वरना धीरे- धीरे आपके घर से पैसा खत्म होने लगेगा। घर में बरकत नहीं होगी। आपकी इनकम और फायदे पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है घर के मुख्य दरवाजे का।
तो आइये जानते है कैसे करें धन वर्षा.
अगर आपके घर का मेन गेट सही दिशा में नहीं है तो जल्दी ही आपको गरीबी का मुंह देखना पड़ सकता है।
पूर्व दिशा में घर का दरवाजा है तो ऐसा व्यक्ति कर्ज में डुब जाता है। इसके लिए सोमवार को रुद्राक्ष घर के दरवाजे के मध्य लटका दें और पहले सोमवार को हवन करें। रुद्राक्ष व शिव की आराधना करने से आपके समस्त कार्य सफल होंगे।
पश्चिम दिशा में दरवाजा हो ने से घर की बरकत खत्म होती है। ऐसे दरवाजे से दोष उत्पन्न होने पर रविवार को सूर्योदय से पूर्व दरवाजे के सामने नारियल के साथ कुछ सिक्के रखकर दबा दें। किसी लाल कपड़े में बांध कर लटका दें। सूर्य के मंत्र से हवन करें। द्वार दोष दूर होगा।
वास्तु के अनुसार उत्तर का दरवाजा हमेशा लाभकारी होता है। यदि द्वार दोष उत्पन्न होता है, तो भगवान विष्णु की आराधना करें। पीले फूले की माला दरवाजे पर लगाएं। लाभ होगा।
दक्षिण दिशा में घर का मेन गेट शुभ नहीं हैं तथा इसके कारण घर में लगातार आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए बुधवार या गुरुवार को नींबु या सात कौडिय़ां धागे में बांधकर लटका देना चाहिए।
साथ ही ध्यान रखें प्रकाश व वायु को रोकने वाली किसी भी प्रतिरोध का जिसे द्वारवेध कहा जाता है
मुख्य द्वार से प्रकाश व वायु को रोकने वाली किसी भी प्रतिरोध को द्वारवेध कहा जाता है –
अर्थात् मुख्य द्वार के सामने बिजली, टेलिफोन का खम्भा, वृक्ष, पानी की टंकी, मंदिर, कुआँ आदि को द्वारवेध कहते हैं।
भवन की ऊँचाई से दो गुनी या अधिक दूरी पर होने वाले प्रतिरोध द्वारवेध नहीं होते हैं। द्वारवेध निम्न भागों में वर्गीकृत किये जा सकते हैं-
स्तंभ वेधः मुख्य द्वार के सामने टेलिफोन, बिजली का खम्भा, डी.पी. आदि होने से रहवासियों के मध्य विचारों में भिन्नता व मतभेद रहता है, जो उनके विकास में बाधक बनता है।
स्वरवेधः द्वार के खुलने बंद होने में आने वाली चरमराती ध्वनि स्वरवेध कहलाती है जिसके कारण आकस्मिक अप्रिय घटनाओं को प्रोत्साहन मिलता है।