नमस्कार दोस्तों आज की ज्योतिष हिंदी चर्चा में हम आपको बताएँगे की पति पत्नी के सामंजस्य को बेहतर कैसे बनायें और जानिये ज्योतिषीय उपाय
पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही पवित्र और अटूट होता है, लेकिन यह एक ऐसा रिश्ता भी है जहां कलह-क्लेश की सबसे ज्यादा गुंजाइश होती है। कभी-कभी यह क्लेश काफी बढ़ जाता है, जो जिंदगी को तबाह करने पर भी तुल जाता है। इस आपसी सामंजस्य को बेहतर बनाने के लिए कुछ ऐसे मंत्र भी हैं, जिनका जाप आपके इस कलह-क्लेश को आपसे दूर कर सकता है। आइए, जानें वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाने और आपसी अनबन को दूर भगाने के लिए किन मंत्रों का जाप करना उचित है।
कुछ जोड़े कुत्ते-बिल्लियों की तरह लड़ते-झगड़ते रहते हैं, जिनके कारण उनका वैवाहिक जीवन एकदम खराब हो जाता है। इसे दूर करने के लिए आप सूर्योदय से पहले स्नान आदि के बाद किसी मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और इस मंत्र का जाप करें।
“ओम् नम: संभवाय च मयो भवाय च नम:
शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च।।”
पति-पत्नी के मतभेद को दूर करने के लिए कुछ लोग मंत्र जाप का भी सहारा लेते हैं। कहते हैं यदि यह जप विधि-विधान से किया जाए तो पति-पत्नी के बीच कभी अनबन नहीं होती साथ ही प्रेम भी बढ़ता है।
“अक्ष्यौ नौ मधुसंकाशे अनीकं नौ समंजनम्।
अंत: कृणुष्व मां ह्रदि मन इन्नौ सहासति।।”
कब करें जप:
सुबह उठकर स्नान के बाद किसी एकांत जगह आसन बिछा लें और पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठें। सामने मां पार्वती की प्रतिमा या चित्र रखें और श्रद्धापूर्वक उनकी स्तुति करते हुए 21 बार ऊपर लिखे मंत्र का जाप करें।
वैवाहिक सुख की प्राप्ति और अनबन के निवारण के लिए सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर भगवती दुर्गा की प्रतिमा के सामने दीया और अगरबत्ती जलाकर पुष्प अर्पित करें। अब नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जाप करें। ज्योतिषी औऱ पंडितों का मानना है कि ऐसा करने से कुल 21 दिनों में ही सुख-शांति का वातारण व्याप्त हो जाएगा-
मंत्र :
“धां धीं धूं धूर्जटे! पत्नी वां वीं वूं वाग्धीश्वरि।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि! शांत शीं शूं शुभं कुरू।।”
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