नमस्कार दोस्तों हिंदी चर्चा में आपका स्वागत है, आज की स्वास्थय चर्चा में हम आपको बताएँगे सांस लेने में तकलीफ या दिक्कत होना आपको कई बार बैठे-बैठे चिंता में डाल देता है और आपको सुझता ही नहीं कि आप क्या करें। ऐसे में आपको यह देखना होगा कि यह समस्या किस वजह से हो रहा है, क्योंकि यदि आप इस समस्या को नजरअंदाज करेंगे तो भविष्य में आपको कई तरह की गंभीर समस्या से जुझना पड़ सकता है। आइए जानते हैं उन रोगों के बारे में जिसकी वजह से आपको सांस लेने में दिक्कत होती है।
फेफड़ों की समस्या हो सकती है वजह
शरीर में जितनी भी कोशिका है उन्हें जीवित और स्वस्थ रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा आपके शरीर को कार्बन डाइऑक्साइड से छुटकारा पाने की भी आवश्यकता होती है। इन दोनों कार्यों को करने के लिए फेफड़ों का स्वस्थ्य रहना बहुत ही जरूरी है।
आपको बता दें कि सांस नली के जाम होने पर या फेफड़ों में छोटी-मोटी परेशानी होने पर सांसें छोटी आने लगती हैं। ध्यान दें यदि आपको यह समस्या लंबे समय से है तो यह किसी दूसरी बीमारी का लक्षण हो सकता है, जैसे अस्थमा, पल-मोनरी एम्बो-लिज्म, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल-मोनरी डिजीज यानि (सीओपीडी) और निमोनिया।
सांस लेने में तकलीफ हृदय रोगों से हो सकता है जुड़ाव
दिल के रोग मसलन, एन्जा-इना, हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर, जन्मजात दिल में परेशानी या एरीथमिया आदि दिल की बीमारियों के चलते भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। अब आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे होता है। दरअसल दिल की मांसपेशियां कमजोर होने पर वे सामान्य गति से पंप नहीं कर पातीं।
फेफड़ों पर दबाव बढ़ जाता है और व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे लोग रात में जैसे ही सोने के लिए लेटते हैं, उन्हें खांसी आने लगती है। इसके अलावा इसमें पैरों या टखनों में भी सूजन आ जाती है और व्यक्ति को सामान्य से ज्यादा थकान रहती है।
बेचैनी भी है एक कारण
तनाव और डर की स्थिति में व्यक्ति सबसे ज्यादा बेचैन होता है और ऐसी स्थिति में वह कई बार गलत निर्णय भी ले लेता है। दरअसल बेचैनी हाईपर-वेंटिलेशन की वजह से होती है यानी जरूरत से ज्यादा सांस लेना।
सामान्य स्थिति में हम दिन में 20,000 बार सांस लेते और छोड़ते हैं। ओवर-ब्रीदिंग में यह आंकड़ा बढ़ जाता है। हम ज्यादा ऑक्सीजन लेते हैं और उसी के अनुसार कार्बन डाईऑक्साइड भी छोड़ते हैं। शरीर को यही महसूस होता रहता है कि हम पर्याप्त सांस नहीं ले रहे।
वजन का ज्यादा होना
यह तो सभी को जानकारी होगी कि जिस व्यक्ति का वजन जितना ज्यादा होगा उसे सांस लेने में उतनी ही तकलीफ होगी। आपको बता दें कि मोटे लोगों को सांस फूलने की बहुत ही ज्यादा समस्या रहती है।
सांस के लिए मस्तिष्क से आने वाले निर्देश का पैटर्न बदल जाता है। वजन में इजाफा और सक्रियता की कमी रोजमर्रा के कामों को प्रभावित करने लगते हैं। ऐसे में थोड़ा सा चलने, दौड़ने या सीढि़यां चढ़ने पर परेशानी होने लगती है।
सांस में तकलीफ से कैसे पाएं राहत
अब यह तो जान लिया कि सांस में तकलीफ किन रोगों की वजह से होता है। अब जानते हैं कि इस तकलीफ से कैसे राहत पाया जाए।
1. देखिए, सही और शुद्द सांस का सीधा संबंध साफ-सफाई से है। इसलिए अपने घर को साफ रखने के अलावा अपने बिस्तर को भी साफ रखे और घर में वेंटिलेशन का पूरा ध्यान दीजिए।
2. क्या आप सिगरेट पी रहे हैं तो इसे जल्दी से त्याग दीजिए क्योंकि धूम्रपान की वजह से न केवल आपको सांस लेने में दिक्कत होगी बल्कि कैंसर जैसी कई गंभीर समस्याओं का भी आपको सामना करना पड़ सकता है।
3. खाने में ब्रोकली, गोभी, पत्ता गोभी, पालक और चौलाई को शामिल करें।
4. व्यायाम अगर आप नहीं करते हैं तो आप सुबह-शाम व्यायाम या एक्सरसाइज करना शुरू कर दीजिए। ध्यान दें, अगर आप प्रदूषित शहर में रहते हैं, तो कोशिश करें कि आप घर पर ही व्यायाम करें।
5. अपने वजन को कम करने की कोशिश करें। अमेरिकी डायबिटीज एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार मोटापा फेफड़े को सही ढंग से काम करने से रोकता है। इसके लिए आप अपने खाने-पीने पर ध्यान दीजिए और नियमित रूप से व्यामाम कीजिए।
हम आशा करते है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, अगर आपको इसमें कोई त्रुटी लगे तो कृपया हमें कमेंट्स के माध्यम से बताएँ ताकि हम इसमें सुधार कर सकें. धन्यवाद.